भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि


भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
(Historical background of indian Constitution) 
 
संविधान :-  नियमों और कानूनों की ऐसी किताब जिससे उस देश में रहने वाले सभी नागरिकों को स्वतंत्रता पूर्वक रहने की और जीवन यापन करने की आजादी मिले।
Note:- प्राचीन काल में समाज में धार्मिक आधार पर बनाए गए नियम और कानून चलते थे.
भारतीय संविधान की पृष्ठभूमि पढ़ने के लिए हम इसको दो भागों में बाटेंगे:-
1. कंपनी का शासन काल (1773 से 1858 तक)
2. ताज का शासन(1858 से 1947 तक)
कंपनी का शासन :- इस काल में मुख्यत भारतीय प्रशासनिक कार्यों और भारतीय  वाणिज्यिक कार्यों पर अंग्रेजी कंपनी का अधिकार था। अंग्रेजी कंपनी जिसको हम ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से जानते हैं कंपनी ने भारत में प्रवेश केवल व्यापार करने के लिए किया था लेकिन धीरे-धीरे भारतीय राजाओं के साथ लड़ाइयां लड़ कर अपने क्षेत्र सीमा बढ़ाने लगी और धीरे-धीरे पूरे भारत पर अपना शासन स्थापित कर लिया।
1. 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट की विशेषताएं
) बंगाल के गवर्नर को गवर्नर जनरल बना दिया तथा उसकी सहायता के लिए 4 सदस्य की एक परिषद का गठन किया गया (बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वार्निंग हैस्टिंग था)
) बंबई और मद्रास के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन कर दिया ।
ग) इस एक्ट के तहत बंगाल में उत्तम न्यायालय का गठन किया गया उसमें एक मुख्य न्यायाधीश तथा तीन अन्य न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया ।
घ) इस एक्ट के तहत अंग्रेजी व्यापारियों पर निजी व्यापार करने पर रोक लगाई गई लेकिन यह प्रतिबंध असफल रहा ।
नोट :- रेगुलेटिंग एक्ट की कमियों को दूर करने के लिए 1781 में एक एक्ट लाया गया उसे सेटलमेंट एक्ट के नाम से जाना जाता हैं।
2. 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट  की विशेषताएं
क) इस एक्ट में राजनीतिक कार्यों तथा वाणिज्यिक कार्यों को पृथक कर दिया राजनीतिक कार्यों के प्रबंधन के लिए नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया तथा वाणिज्य कार्यों पर कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स  का ही अधिकार बना रहा  इस प्रकार भारतीय इतिहास में पहली बार दै्वध प्रणाली का प्रयोग किया गया। 
ख) इस एक्ट के बाद भारतीय क्षेत्र को पहली बार ब्रिटिश आधिपत्य का क्षेत्र बोला गया।

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नोट:- ब्रिटिश सरकार हर 20 साल में कंपनी के नाम पर चार्टर पारित करती थी।
3. 1833 के चार्टर अधिनियम की विशेषताएं
) बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया (भारत का प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड विलियम वेटिंग थे)
)इस एक्ट के तहत भारत में पहली बार सिविल सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का प्रस्ताव रखा गया लेकिन कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर्स के विरोध के कारण यह असफल रहा।
4. 1853 के चार्टर अधिनियम की विशेषताएं
यह अंतिम चार्टर अधिनियम था क्योंकि 1857 में भारत में सैनिक विद्रोह होने के कारण ब्रिटिश सरकार ने सारे अधिकार अपने अधीन कर लिए।
)  इस अधिनियम के तहत पहली बार सफलता पूर्वक सिविल सेवकों की खुली भर्ती का प्रस्ताव पारित हुआ।
) गवर्नर जनरल के विधायी तथा प्रशासनिक कार्यों को अलग अलग कर दिया गया।
ग) विधायी समिति का गठन किया गया।

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