भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 एक महत्वपूर्ण और समर्थनीय अनुच्छेद है, जो समानता के सिद्धांत को प्रतिष्ठित करता है। यह अनुच्छेद सभी नागरिकों को समान अधिकारों का आनंद उठाने की अवस्था सुनिश्चित करता है, अनेक बाधाओं और अनैतिकताओं के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रेरित करता है।

 

क्या कहता है अनुच्छेद 14

इस अनुच्छेद में सभी नागरिकों को धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थितियों में समानता का अधिकार प्राप्त होता है। यह सभी नागरिकों के सामने भेदभाव के खिलाफ लड़ने का अधिकार प्रदान करता है और उन्हें समानता के प्रति समर्थन करता है।


अनुच्छेद 14 ने भारतीय समाज में सामाजिक और आर्थिक असमानता को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जैसे कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण, निरक्षरता की रोकथाम और असामान्यता के खिलाफ सामाजिक एवं शैक्षिक उपायों की प्रोत्साहना।


इस अनुच्छेद का उद्देश्य समाज में समानता के प्रति लोगों की जागरूकता और समर्थन बढ़ाना है। यह एक संविधानिक संरक्षक है जो समाज में न्याय और समानता के लिए लड़ाई करता है और सभी नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों का आनंद दिलाता है।


अनुच्छेद 14 को किस देश के संविधान से लिया गया - 


भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 का मूल रूप से अमेरिकी संविधान के चौदहवें संशोधन के आधार पर आधारित है। यहां तक कि भारतीय संविधान के लेखक, डॉ. बी. आर. अम्बेडकर, ने अमेरिकी संविधान के तत्वों का महत्वपूर्ण प्रभाव माना और उन्हें भारतीय संविधान में समाहित किया। अनुच्छेद 14 उसी धारणा को प्रकट करता है जो अमेरिकी संविधान में समानता के सिद्धांत को व्यक्त करता है।


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